आश्विन मास में प्रौष्ठपदी पूर्णिमा से ही श्राद्ध आरंभ हो जाते है। अपने स्वर्गवासी पूर्वजों की शान्ति एवं मोक्ष के लिए किया जाने वाला दान एवं कर्म ही श्राद्ध कहलाता है। इन्हें 16/ सोलह श्राद्ध भी कहते हैं। श्राद्ध का अर्थ है, श्रद्धाभाव से पितरों के लिए किया गया दान श्रद्धया इदं श्राद्धम् ।
शास्त्रों के अनुसार पृथ्वी से ऊपर सात लोक